राजस्थान की सियासत में भूचाल लाने वाला फोन टेपिंग कांड फिर उछल गया है। बीजेपी, कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने से इंकार कर दिया है। जोशी ने नोटिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटिस में मेरा नाम मेंशन नहीं है। दिल्ली पुलिस को जवाब भेज दिया गया है। अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। जोशी बोले- जिस टेप के आधार पर मुझ पर एफआईआर की गई है। वो आवाज मेरी नहीं गजेंद्रसिंह शेखावत की है। राजस्थान में लोकतांत्रिक सरकार को गिराने में विफल होने के बाद विपक्ष बौखला गया है।
शेखावत को चुनौती
जोशी बोले कि मैं शेखावत को चुनौती देता हूं। अगर शेखावत पाक साफ है तो सीबीआई के सामने हाजिर होकर वॉइस सेंपल दें।कुल मिलाकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश में असफल होने पर इस तरह के नोटिस देकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।जोशी ने कहा, गजेंद्र सिंह यहां आरोपी हैं। कुल मिलाकर उल्टा चोर कोतवाल को डांटने वाला मामला है। इस साजिश में मुख्य किरदार शेखावत है और कार्रवाई मुझ पर की जा रही है।
बीजेपी का जबावी हमला
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जोशी पर हमला करते हुए कहा- शायद वे भूल गए है कि उनकी एफआईआर पर शेखावत के आवास पर नोटिस भेजा गया था। तब वे कानून के ज्ञाता बने हुए थे। अब कार्रवाई पर आश्चर्य क्यों?
फोन टेपिंग कांड
पिछले साल कांग्रेस में पायलट की बगावत के बाद गहलोत खेमे ने खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। गहलोत खेमे ने 15—16 जुलाई को तीन ऑडियो टेप जारी किए थे। इन ऑडियो टेप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, तत्कालीन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और एक अन्य व्यक्ति के बीच बातचीत का दावा किया गया। महेश जोशी ने ऑडियो टेप के आधार पर एसीबी और एसओजी में केस दर्ज करवाया, गजेंद्र सिंह शेखावत और कई लोगों को आरोपी बनाया गया था ।